गोल्ड अब छिपा के नहीं रख पाएंगे, देना पड़ सकता है पाई-पाई का हिसाब
आपके पास कितना सोना है, अब आपको इसकी पूरी जानकारी सरकार के साथ साझा करनी पड़ सकती है. सोने का रिकॉर्ड रखने के लिए सरकार नई स्कीम लाने की तैयारी कर रही है.
कैबिनेट की अगली बैठक में इस स्कीम को मंजूरी मिल सकती है. (Dna)
कैबिनेट की अगली बैठक में इस स्कीम को मंजूरी मिल सकती है. (Dna)
आपके पास कितना सोना है, अब आपको इसकी पूरी जानकारी सरकार के साथ साझा करनी पड़ सकती है. सोने का रिकॉर्ड रखने के लिए सरकार नई स्कीम लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार जल्द गोल्ड एमनेस्टी स्कीम को ला सकती है. इस स्कीम के तहत अघोषित गोल्ड का ब्योरा सरकार को देना होगा. कैबिनेट की अगली बैठक में इस स्कीम को मंजूरी मिल सकती है.
'जी बिजनेस' को खास सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर गोल्ड के लिए खास एमनेस्टी स्कीम लाई जा सकती है. आपको बता दें कि सरकार गोल्ड में काला धन लगाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी में है. इसमें एक तय मात्रा से ज्यादा बगैर रसीद वाले गोल्ड पर उसकी जानकारी देनी होगी और गोल्ड की कीमत सरकार को बतानी होगी.
क्या है स्कीम
इस एमनेस्टी स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा. बगैर रसीद वाले जितने गोल्ड का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा. स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही खोली जाएगी. स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड पाए जाने पर भारी जुर्माना देना होगा.
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फाइनेंस मिनिस्ट्री का प्रपोजल
सूत्रों के मुताबिक मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने का खास ऐलान हो सकता है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है. वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा है. जल्द कैबिनेट से इसको मंजूरी मिल सकती है.
चुनाव से टला फैसला
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी. लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य चुनाव की वजह से आखिर समय पर फैसला टाला गया.
ये ऐलान भी संभव
एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी ऐलान हो सकते हैं. इसके लिए सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव किए जा सकते हैं.
IIM की मदद
सोवरन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट को मोर्टगेज करने का भी विकल्प भी दिया जा सकता है और गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान किया जा सकता है. सरकार की गोल्ड को प्रोडक्टिव इनवेस्टमेंट के तौर पर विकसित करने की मंशा है. इसके लिए आईआईएम के प्रोफेसर की सिफारिश के आधार पर मसौदा तैयार किया गया है.
08:56 PM IST